ईश्वर में समा जाऊं
मैं मैं न रहूँ
ये शरीर न रहे
ये अस्तित्व न रहे
मेरा कुछ भी न रहे
ताकि तुम मुझे
छू न सको
मेरे स्वाभिमान को
कुरेद न सको
मेरी आत्मा का
बलात्कार न हो
तुम जो हक़
समझते हो अपना
मेरे व्यक्तित्व को
सम्पति अपनी
मैं हूँ ही नहीं
न तुम्हारी
न किसी की