जिस देश की सर्कार
नपुंसक हो
जिस देश के नेता
भ्रष्ट हो
जिस देश के हुक्मरान
निकम्मे हों, और
जिस देश की जनता
उदासीन हो
उस देश को
क्या कहते हैं
जहाँ गरीब भुकमरी
से मरते हैं
और गोदामों में
अनाज सड़ता है
ज़मींदार ज़ुल्म करते हैं
और दलितों को कुचला जाता हैं
कोई एक दहशतगर्दी करता है
और पूरे कौम को
बदनाम किया जाता है
पुरुष शोषण करते हैं
और महिलाओं को
रेखा के अंदर रहने को
कहा जाता है
बेगुनाह मज़लूम होते हैं
और मुलजिम सीना
ताने घूमते हैं
हादसों पर
सियासत होती है
और बयां पे बयां
दिए जाते हैं
कचेहरियों में
गवाह धमकाए जाते हैं
और मुद्दई छूट जातें हैं
वकील बिक जाते हैं
और काज़ी हाँथ
मल के रह जाते हैं
लोग आवाज़ उठाते हैं
तो लाठी बरसाए जाते हैं
सरहद पर सिपाहीयों के
सर कलम किये जाते हैं
पर नेता कहते हैं
वोह शहीद नहीं
सिर्फ मारे गए
गुंडों को कुर्सी पे
बिठाया जाता है
आरोपियों को चुनाव
में खड़ा किया जाता है
और जीतने पे मंत्री भी
बनाया जाता है
वोह सब इसी
देश में होता है
जिससे हम
भारतवर्ष कहते हैं
नपुंसक हो
जिस देश के नेता
भ्रष्ट हो
जिस देश के हुक्मरान
निकम्मे हों, और
जिस देश की जनता
उदासीन हो
उस देश को
क्या कहते हैं
जहाँ गरीब भुकमरी
से मरते हैं
और गोदामों में
अनाज सड़ता है
ज़मींदार ज़ुल्म करते हैं
और दलितों को कुचला जाता हैं
कोई एक दहशतगर्दी करता है
और पूरे कौम को
बदनाम किया जाता है
पुरुष शोषण करते हैं
और महिलाओं को
रेखा के अंदर रहने को
कहा जाता है
बेगुनाह मज़लूम होते हैं
और मुलजिम सीना
ताने घूमते हैं
हादसों पर
सियासत होती है
और बयां पे बयां
दिए जाते हैं
कचेहरियों में
गवाह धमकाए जाते हैं
और मुद्दई छूट जातें हैं
वकील बिक जाते हैं
और काज़ी हाँथ
मल के रह जाते हैं
लोग आवाज़ उठाते हैं
तो लाठी बरसाए जाते हैं
सरहद पर सिपाहीयों के
सर कलम किये जाते हैं
पर नेता कहते हैं
वोह शहीद नहीं
सिर्फ मारे गए
गुंडों को कुर्सी पे
बिठाया जाता है
आरोपियों को चुनाव
में खड़ा किया जाता है
और जीतने पे मंत्री भी
बनाया जाता है
वोह सब इसी
देश में होता है
जिससे हम
भारतवर्ष कहते हैं